भगवान श्रीकृष्ण ने किए थे 16108 विवाह: आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज
– भीमासुर वध, जरासंध वध, सुदामा कृष्ण मिलन, भागवत पूजन और फूलों की होली का सुंदर दर्शन हुआ
– राबर्ट्सगंज नगर स्थित श्री राम जानकी मंदिर परिसर में सातवें और अंतिम दिन श्रीमद्भागवत कथा सुनने को श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
सोनभद्र /सत्यनारायण मौर्य/संतेश्वर सिंह
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सोनभद्र। राबर्ट्सगंज नगर स्थित श्री राम जानकी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन बुधवार को कथा व्यास वृंदावन से पधारे आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने 16108 विवाह किया था। आचार्य जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण भौमासुर का वध करके 16100 विवाह एक साथ संपन्न किया था। मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण की 8 पटरानियां हुई और 16100 रानी हुई । भगवान श्रीकृष्ण पांडवों के राजसूय यज्ञ में जाकर के जरासंध का वध किया। बचपन के मित्र सुदामा जी का द्वारिका जाकर के भगवान श्रीकृष्ण से मिलन हुआ। जीवन में मित्र बनाओ लेकिन स्वार्थ नहीं होना चाहिए मित्र वह है जो सुख-दुख में साथ दे आज का मित्र स्वार्थी हो चुका है। जिसके अंदर स्वार्थ हो वह सच्चा मित्र नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में जाकर भगवान श्रीकृष्ण ने यज्ञ किया तथा 6 पुत्रों को जीवित करके माता देवकी को समर्पित किया। श्री सुखदेव जी महाराज के द्वारा कलयुग का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग यानी कृष्ण में लीन होना जो भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाए वही कलयुग है। शुकदेवजी द्वारा राजा परीक्षित को सूक्ष्म श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराया गया। सुदामा और कृष्ण का मिलन, सुखदेव मुनि की विदाई, भागवत पूजन, फूलों की होली का सुंदर दर्शन कराया गया। इस दौरान समूचा कथा पांडाल जयकारे से गुंजायमान हो गया। अंत में आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया।
कथा सुनने वालों मे ओम प्रकाश पाठक, महेंद्र प्रसाद शुक्ला, मुरलीधर शुक्ला, कृपा नारायण मिश्र, ओम प्रकाश राय, पूनम सिंह, नरेंद्र कुमार पाठक, रमेश राम पाठक, सुरेंद्र कुमार पांडेय,जेबी सिंह, चंद्र किशोर पांडेय, आशुतोष पाठक, अजीत शुक्ला, मनीष चौबे, विजय कानोडिया आदि लोग शामिल रहे।