मुद्दों को पलटने के माहिर अरविंद केजरीवाल :
विशेष रिपोर्ट समीर गुप्ता ब्यूरो चीफ पठानकोट पंजाब —
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसी न किसी विषय को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। गौर करने वाली बात है कि इस समय लोकसभा में आप का कोई भी सदस्य नही है — एकमात्र सांसद जालंधर पंजाब से उपचुनाव में जीतकर आए थे परन्तु अभी वे भाजपा में शामिल होकर चुनाव मैदान में हैं। इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल विभिन्न मंचों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अक्सर चुनौती देते हुए दिखाई देते हैं और समय-समय पर देश के बड़े मीडिया चैनल भी प्रधानमंत्री बनने की रेस में केजरीवाल को प्रोजेक्ट करते हैं। बहुत हैरानी की बात है कि जिस पार्टी का लोकसभा में एक भी सदस्य न हो — उसी दल का नेता भाजपा जिसकी लोकसभा में 303 सीटें हैं उसको अच्छे से चुनौती दे रहा है। दिल्ली शराब घोटाले को लेकर चुनाव प्रचार के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को बेल दी हुई है और दो जून को उनको तिहाड़ जेल में रिपोर्ट करना है यानी फिर से केजरीवाल जेल में बंद होंगे — अब इसकी अवधि कितने समय रहेगी यह माननीय कोर्ट पर ही निर्भर करता है। जब केजरीवाल को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था तो उससे पहले ही उन्होंने कह दिया था कि दिल्ली की जनता की सेवा के लिए वे जेल से बैठकर सरकार चलाएंगे और अपने पद से इस्तीफा नही देंगे। उन्हें अच्छे से मालूम था कि देश का संविधान इसकी इजाजत देता है। जबकि इससे पहले लालू प्रसाद यादव, जयललिता और हाल ही में हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अब अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा न देकर राजनीति में नई प्रथा शुरू की है और आने वाले समय में कोई भी राजनेता इसे फालो कर सकता है। इसके अलावा जो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार को लेकर केजरीवाल को बेल दी है — यह जेल में बंद बाकी राजनेताओं के लिए एक नया रास्ता खोलने जैसा ही है। यानी स्वतंत्रता के बाद देश के राजनीतिक इतिहास में अरविंद केजरीवाल द्वारा नए पन्ने जोड़े जा रहे हैं। जिस इश्यू को लेकर देश के बड़े बड़े राजनीतिक विशेषज्ञ और राजनेता सोचते हैं अरविंद केजरीवाल उससे बहुत आगे की सोच समझ रखते हैं। ताज़ा घटनाक्रम है कि अरविंद केजरीवाल के सरकारी निवास यानि दिल्ली मुख्यमंत्री निवास स्थान पर केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार द्वारा आप की ही एक महिला राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर मारपीट के गंभीर आरोप हैं जिसको लेकर भाजपा अरविंद केजरीवाल पर हमलावर है। इस घटनाक्रम का असर आम आदमी पार्टी की साफ सुथरी छवि पर पड़ता दिखाई दे रहा था और केजरीवाल भी कुछ दिन बैकफुट पर थे। इसके अलावा देश का मिडिया इसी खबर के ही इर्द-गिर्द कवरेज कर रहा था और क्योंकि दिल्ली में लोकसभा चुनाव बहुत ही नजदीक हैं यह आप के लिए निश्चित तौर पर परीक्षा की घड़ी थी । इस घटनाक्रम को लेकर आप द्वारा दो वीडियो जारी किए गए हैं जिसमें उल्टा स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री निवास पर तैनात सुरक्षा कर्मियों से बहसबाजी करते दिखाई दे रही है और उन पर कहीं भी चोट इत्यादि के निशान नही दिख रहे हैं। अब आप का कहना है कि मालीवाल द्वारा जो भी आरोप विभव कुमार पर लगाए गए हैं वे झूठे हैं और इस घटनाक्रम के पीछे बीजेपी की साजिश है — क्योंकि दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच की और से स्वाति मालीवाल के खिलाफ जांच चल रही है। एंटी करप्शन दिल्ली केंद्रीय सरकार के आधीन है इसलिए जांच से बचने के लिए स्वाति मालीवाल ने यह साजिश भाजपा के साथ मिलकर की है। हालांकि भाजपा आप के इस आरोप को सिरे से नकार रही है । इस बीच केजरीवाल अपने विधायको, राज्य सभा सांसदो और पार्टी स्पोर्ट्स को लेकर आज भाजपा मुख्यालय दिल्ली गिरफ्तारी के लिए जा रहे हैं — उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा ,सरकारी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं को ग़लत केसों में फंसा रही है ताकि आप का आस्तित्व मिटाया जा सके लेकिन हम किसी भी प्रकार ऐसा नही होने देंगे। अब सारे मीडिया का फोकस इस इश्यू पर आ गया है और आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से अपने अनुसार मुद्दे को दूसरी दिशा में फिलहाल ले जाने में सफल होते हुए दिखाई देते हैं। अब जनता इसको कैसे में लेती है इसका लेखा-जोखा लोकसभा चुनाव के नतीजों से हमें मिल जाएगा। लेकिन अरविंद केजरीवाल राजनीति में मुद्दों को अपने पक्ष में करने के मास्टर बनते जा रहे हैं।