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बहराइच– पुनरोद्धार की राह देख रहा, घाघरा नदी पर बना संजय सेतु

संवाददाता -पंकज कुमार शुक्ला

बहराइच पुनरोद्धार की राह देख रहा, घाघरा नदी पर बना संजय सेतु

 बहराइच, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती को प्रदेश की राजधानी से जोड़ने वाले घाघरा नदी पर बना पुल अब बोझ उठा पाने मे सक्षम प्रतीत नहीं होता.

satyarath.comलखनऊ बहराइच मार्ग पर घाघरा नदी पर बना संजय सेतु पुल चार दशक पुराना होने के कारण जर्जर हालत में है। पुल पर क्षमता से 60 गुना बोझ बढ़ जाने से आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है। लेकिन इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 

satyarath.comलखनऊ-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाघरा नदी पर 1984 में बना संजय सेतु 40 वर्ष की उम्र में ही पचास गुना ट्रैफिक बोझ उठाने में बूढ़ा होने के कारण कमजोर हो गया है। यही कारण है कि चार माह पूर्व 10 नम्बर कोठी अचानक बोझ न सहन कर पाई और खराब हो गई। जिसके कारण आवागमन वन वे होने पर राजधानी लखनऊ समेत दर्जन भर जिलों के अलावा नेपाल देश के यातायात पर जाम का प्रभाव पड़ने से हडकंप मच गया।

satyarath.comसंजय सेतु के बूढ़े होने की कहानी काफी दिलचस्प है, क्योंकि करीब तीन दशक पहले 09 अप्रैल 1981 को इस सेतु की आधारशिला तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ सिंह ने रखी थी। उस समय बाराबंकी, लखनऊ समेत आसपास के करीब दर्जन भर जिलों में बनने वाला इतना लंबा पहला सेतु था। यही वजह है कि जब यह सेतु बनकर तैयार हुआ तो दूर-दूर से लोग इस सेतु को देखने आते थे।

घाघरा नदी की बहती धारा के ऊपर बने इस पुल से गुजरने का रोमांच कुछ और होता था। उस समय अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया यह पहला सेतु था, यही वजह है कि संजय सेतु पर्यटन स्थल बन गया था। अब तो लगता है यह बात सदियों की हो, पर हकीकत यह है कि संजय सेतु की उम्र 40 वर्ष हो चुकी है। अब इस सेतु पर बोझ की दास्तां का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। लोक निर्माण विभाग के जानकारों की मानें तो इस सेतु पर बीते चार दशक में साठ गुना ट्रैफिक बढ़ा है।

वर्ष 2006 में स्टेट रोड से इस मार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ने के कारण इसे नेशनल हाईवे का दर्जा दे दिया गया है। राजधानी लखनऊ समेत दक्षिण यूपी को नेपाल और दर्जन भर जिलों को जोड़ने वाले इस राजमार्ग पर ट्रैफिक ग्रोथ रेट के मानक अनुसार 60 गुना से अधिक बोझ बढ़ा है।

दो लेन सेतु पर अब फोर लेन राजमार्ग के अंधाधुंध यातायात का भारी भरकम बोझ सहन न कर पाने में असमर्थता के संकेत मिल रहे हैं किन्तु जिम्मेदार विभाग पूरी तरह मौन है। उक्त संबंध में जब क्षेत्रीय लोगों से बात की गई तो समाजसेवी कृष्णकुमार गुप्ता ने बताया कि विगत वर्षों में कई बार पुल में आई खराबी के चलते लगने वाले लम्बे जाम में लोगों की परेशानी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

आपात कालीन सेवा भी प्रभावित

संजय सेतु पुल में विगत दिनों पुल में आई खराबी के चलते वन वे ट्रैफिक के दौरान गंभीर रूप बीमार रोगियों को आपातकालीन स्थिति में ले जाने वाले एम्बुलेंस वाहनों को जाम का सामना करते देखा गया।

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