संवाददाता -पंकज कुमार शुक्ला
बहराइच देवीपाटन मण्डल मे इस बार सुस्त है हाथी की चाल
लोकसभा चुनाव घोषित हुए दो हफ्तों का समय बीत गया है लेकिन बसपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किये है,
2019 के चुनाव में श्रावस्ती से बसपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी जबकि मंडल की अन्य तीन सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार मंडल की चार सीटों में से किसी सीट पर बसपा ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
हालांकि पार्टी स्तर पर संगठनात्मक तैयारियां जारी हैं। इसके साथ ही जल्द ही प्रत्याशी भी सामने आ सकते हैं। बसपा के पत्ता खुलने के बाद मंडल की चारों सीट में चुनावी समीकरण की हकीकत भी सामने आ सकेंगी। फिलहाल सभी विपक्षी दलों को इस समय इन चार सीटों पर बसपा के पत्ते खुलने का इंतजार है।
कभी उत्तर प्रदेश में बिना किसी समर्थन के पांच साल तक सरकार चलाने वाली बहुजन समाज पार्टी को इस बार देवीपाटन मंडल की चार सीटों के लिए प्रत्याशियों की तलाश है।
एक तरफ जहां भाजपा ने तीन व सपा ने दो सीटों पर प्रत्याशी घोषित किया है, जबकि बसपा अभी तक एक भी सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है। ऐसे में जहां दूसरी पार्टी चुनाव प्रचार में जुटी है वहीं बसपा के हाथी के महावत की तलाश अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। राजनीतिक गलियारों में इन बातों की चर्चा भी इस समय जोरों पर है।
नेपाल के सीमावर्ती देवीपाटन मंडल में लोकसभा की चार सीटें हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गोंडा, बहराइच सुरक्षित व कैसरगंज सीट पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी, जबकि गठबंधन के चलते बसपा के हिस्से में गई श्रावस्ती सीट से बसपा ने बाजी मारी थी, लेकिन इस बार पूरे मंडल में बसपा का चुनावी प्लान मौन में सिमट गया है।
बहराइच सीट से भी एक बार जीती बसपा
देवीपाटन मंडल की चार सीटों में वैसे तो प्रत्येक चुनाव में बसपा का प्रदर्शन औसत रहा है। लेकिन वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में बहराइच सीट से बसपा के टिकट पर आरिफ मोहम्मद खान ने जीत दर्ज की थी। वह बाद में भाजपा में शामिल हो गए और इस समय केरल के राज्यपाल हैं। इसके बाद से बसपा को जिले में अभी तक किसी सीट पर सफलता नहीं मिल सकी।