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वर्षो पुरानी स्टेट जमाने की धरोहर रुनीजा का विश्रामगृह खोता जा रहा है अपनी पहचान

लोकेशन उज्जैन
रिपोर्टर नितिन पंड्या

वर्षो पुरानी स्टेट जमाने की धरोहर रुनीजा का विश्रामगृह खोता जा रहा है अपनी पहचान

ग्वालियर स्टेट के जमाने जीवाजी राव सिंधिया की पिता माधवराव सिंधिया ने बनाया था। यह विश्रामगृह।


देख रेख की अभाव में यह वर्षो पुराना भवन इतिहास बन जायेगा

लोक निर्माण विभाग के इसे किया जर्जर घोषित ।

लेकिन यह इतना जर्जर नही है। देख रेख के अभाव में ऐसी हालत अभी 1 , 2 साल में हो गई है।

रुनीजा:- प्रदेश सहित उज्जैन जिले में स्टेट के जमाने की के सेकड़ो भवन है। जो किसी न किसी विभाग के अधीन है या उनमें विभागीय कार्यालय संचालित हो रहे ऐसे ही स्टेट के जमाने का एक वर्षो पुराना विश्राम गृह भवन रुनीजा में है जो लोक निर्माण विभाग बड़नगर के अधिन है।वर्तमान बड़नगर तहसील में तीन विश्रामगृह है। जिसमें प्रमुख विश्रामगृह बड़नगर नगर में एक लोहाना में तथा एक स्टेट के जमाने का बहुत ही मजबूत सुंदर विश्राम गृह रुनीजा में बना हुआ है। लेकिन आज लोक निर्माण विभाग की देखरेख के अभाव में यह जर्जर होता जा रहा है। और अपनी पहचान को जा रहा है। इसकी बनावट अंग्रेजों के जमाने की है। जो बड़ी आकर्षित लगती है ।

आज भी पत्थरो से बने इस भवन को ठंडा रखने लिए पुराने जमाने के कवेलू लगे है। किसी जमाने यहां भोजनशाला , के साथ एक सामान्य रूम जिसमे डायनिग टेबल , बेड रूम , अटैच बाथ रुम , ड्रेसिंग टेबल आदि की व्यवस्थस थी। वही एक सर्व सुविधा युक्त वी आई पी रूम की व्यवस्था थी।किसी जमाने में इस मार्ग से गुजरने वाले मंत्री से लगाकर बड़े-बड़े अधिकारी रात्रि विश्राम यहाँ करते थे। यहां चौकीदार की स्थाई नियुक्ति थी लेकिन विगत दो-तीन वर्षों से चौकीदार का पद समाप्त कर दिया गया और यहाँ नियुक्त चौकीदार को हटाने के बाद से यह स्टेट जमाने की धरोहर अपनी पहचान होती जा रही है वरना आज से 30 , 40 साल पहले यहां भोजन शाला थी और एक स्थाई कुक , चौकीदार नियुक्त था और लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत होने वाला निर्माण कार्यों की सामग्री वगैरह भी यहां पड़ी रहती थी लेकिन आज यह भवन पूरी तरह से वीरान होता जा रहा दरवाजे खिड़कियां टूट रहे है।जबकि आज भी इसके परिसर में स्थित घास की नीलामी प्रतिवर्ष लोक निर्माण विभाग के द्वारा नीलाम की जस्ती जिससे विभाग की आय भी होती है ।लेकिन इसके मरम्मत के नाम पर विगत कई वर्षों से यहाँ 1 रु भी खर्च नहीं किया गया है

यही कारण है कि आज यह धरोहर नष्ट होने की कगार पर है । इस संदर्भ में अभी वर्तमान में इस भवन में लोक निर्माण विभाग की सड़क कार्य में लगे ठेकेदार के मजदूर परिवार एक कमरे में रुके हुए हैं। बाकी एक वी आई पु रूम में ताला लगा है अंदर का फर्नीचर भी देख रेख के अभाव में धूल खा रहा हैं। इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग बडनगर के उपयंत्री राजेश देशपांडे से चर्चा की गई की विश्रामगृह पर कर्मचारी नही है। अभी यह देख रेख के अभाव में क्षतिग्रत हो रहा हैक्या कारण है कि तो देशपांडे ने बताया कि विभाग ने इसे जर्जर घोषित कर दिया है तथा विभाग के पास ना तो कोई ऐसा फंड है और नहीं कर्मचारी है । जिन्हें वहाँ रखकर इसकी देख रेख करवा सके। अभी वर्तमान में आने वाला है इस लिए यह इस हालत में है। बतादे की स्टेट जमाने की धरोहर को पुनर्जीवित करने के लिए मध्य प्रदेश शासन को इस और ध्यान देकर या तो पुनः इस विश्रामगृह को पुरानी अवस्था में लौट के प्रयास करना चाहिए ।ताकि आने वाले समय में यह सरकारी संपत्ति शासन के किसी काम आ सके। अब देखते हैं कि लोक निर्माण विभाग व मध्य प्रदेश सरकार इस पुरानी धरोहर को बचाने के लिए क्या कदम उठाते है । यदि सरकार इस विश्राम का जीर्णोद्वार करवा दिया जाए तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी । और आने वाले सिंहस्थ में बड़ी उपयोगी साबित होगी।वैसे बढ़ती आबादी व यातायात को देखते हुए रुनीजा में एक पुलिस थाने या पुलिस चौकी की आवश्यकता। शासकीय भवन को उपयोग इसलिए भी किया जा सकता है।
इस संदर्भ में रुनीजा के जमीदार ठाकुर धर्मपाल सिह राठौर ने बताया यह रेस्ट हाहुए स्टेट के जमाने मे जीवाजी राव सिंधिया के पिता श्री मन्त माधवराव सिंधिया सीनियर ने बनाता वे स्वय भी जब मालवा क्षेत्र के दौरे पर आसपास के जमीदारों की से मिलने व क्षेत्र के जानकारी लेने आते थे। तब यहाँ विश्राम करते इसी प्रकार से उनके सुपुत्र श्री मन्त जीवाजी राव सिंधिया , राजमाता सिंधिया भी यहां आम जनता से मिलते थे

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