गो अभयारण्य मालवा में 05 तुलसी-सालिग्राम एवं केशव नन्दी विवाह सम्पन्न *- स्वामी गोपालानंद सरस्वती
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 218 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि आज देव उठनी एकादशी का पुण्य पर्व है और आज ही के दिन स्वयं ठाकुर जी ने सालिग्राम के रूप में भगवती तुलसी महारानी के साथ विवाह किया था और उसी पुण्य पर्व पर आज विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य में पांच तुलसी माताओ का सुसनेर, आगर, सोयत ,पिडावा एवं सालरिया के मंदिरों से बारात के रूप में पधारे भगवान सालिग्राम के साथ सम्पन्न हो रहन है साथ ही देवउठनी एकादशी के पुण्य पर्व पर भगवान शिव जी के वाहन धर्म स्वरूपा केशव नन्दी बाबा का विवाह भी सुरभि, नंदिनी ,कालिंदी और रुक्मणी तरुण बछडियों रूपी गैया मैया के साथ हो रहा है ।
स्वामीजी ने कहां कि जिस प्रकार गोमाता पशु न होकर साक्षात भगवती दुर्गा का स्वरूप में है, उसी प्रकार तुलसी महारानी भी एक वृक्ष न होकर एक देवी स्वरूप में भगवान विष्णु की अर्दाग्नि है । और जिस प्रकार हमारी जन्म देने वाली माता हमारा हर प्रकार से ख्याल रखती है उसी प्रकार तुलसी मैया भी हमारा ख्याल रखती है और मां तुलसी शास्त्रोक्त। रीति के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी हमारा ख्याल रखती है और आज विश्व का यह प्रथम गो अभयारण्य मालवा हजारों लोगों की उपस्तिथि में 05 भगवती तुलसीमाता एवं 04 गोमाता के विवाह का साक्षी बन रहा है ।
*गो कृपा कथा के 218 वें दिवस देव उठनी एकादशी को विश्व के प्रथम गो अभयारण्य मालवा में श्री गोपाल परिवार आकोला(चित्तौड़गढ़),,सुसनेर, आगर, सोयत, पिडावा एवं सालरिया ग्राम से सालिग्राम भगवान की बारात आई जिनका पांच तुलसी माताजी के साथ विवाह सम्पन्न हुआ ।
सुसनेर निवासी प्रदीप बजाज , सोयत से अमर सिंह विश्वकर्मा , बाबुल्दा(रामगंज मण्डी) से ओम प्रकाश राठौर , गो अभ्यारण्य के गो चिकित्सक डॉक्टर जगदीश प्रसाद तिवारी एवं गो अभयारण के प्रबन्धक शिवराज शर्मा ने तुलसी माताजी के भाव पिता के रूप में भगवान मीरा माधव, करणी मैय्या एवं भगवान कल्पगुरू दत्तात्रेय के सानिध्य में अग्नि के साक्ष्य में पांच तुलसी माताओं का विवाह पांच सालिग्राम भगवान के साथ एवं आराधना गइया मैया के गोवत्स केशव नन्दी बाबा का सुरभि, नंदिनी ,कालिंदी और रुक्मणी तरुण बछडियों के भावपिता के रूप में नारायण सिंह पटपड़ा, कैलाश सिंह पीपल्दा, नारायण सिंह सालरिया एवं कालू सिंह लोधा खेड़ी व केशव नन्दी बाबा के भाव पिता विक्रम सिंह अध्यापक सरखेड़ी(पिडावा ) ने हजारों गो भक्तो की उपस्तिथि में देवउठनी एकादशी के पुण्य अवसर पर विद्वान पंडितो ने विधिवत मंत्रोचार से विवाह सम्पन्न करवाया।
विवाह के बाद गो नन्दी एवं तुलसी विवाह में पधारे हजारों लोगों ने एकादशी पर उपवास वाले खाद्य पदार्थों से अपना उपवास व्रत किया ।
* आगामी कार्तिक शुक्ला चतुर्दशी 14 नवम्बर,गुरुवार को सायंकाल 05 बजे से विश्व के प्रथम गो अभयारण्य की गो संकीर्तन के साथ परिक्रमा रहेगी जिसमें राजगढ़ लोकसभा के क्षैत्र के सांसद रोडमल जी नागर भी गो अभ्यारण्य की 16.5 KM की पदयात्रा के माध्यम से होने वाली परिक्रमा में भाग लेंगे ।
*218 वे दिवस पर चुनरीयात्रा मध्यप्रदेश के आगर जिले से *
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 218 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले में स्थापित विश्व के प्रथम गो अभ्यारण्य में सफ़ाई व्यवस्था का कार्य कर रहें बन्धुओं एवं मातृशक्ति सहित क्षैत्र के दर्जनों ग्राम से गो भक्तों ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
चित्र 1 : गोकथा सुनाते स्वामी गोपालानंद सरस्वती।
चित्र 2 : गोकथा में उपस्थित गौभक्त।
चित्र 3,4 : गोकथा में गोमाता को चुनड़ ओढाते गोभक्त ।
चित्र 5,6 : चुनरी यात्रा में आए गोभक्तो को सम्मानित करते महोत्सव के कार्यकर्ता
चित्र 7 : गो पुष्टि पूजन करते गो भक्त ।
चित्र 8 : गोमाता के लिए चुनड़ लाते गोभक्त
चित्र 9: गो अभयारण्य में गो नन्दी एवं तुलसी महारानी का विवाह महोत्सव
चित्र 10,: गोव्रती उपवास का महाप्रसाद ग्रहण करते गो भक्त ।