सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है।शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है।पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त,चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि,नक्षत्र,मुहूर्त योगकाल,करण,सूर्य-चंद्र के राशि,चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🙏जय श्री गणेशाय नमः🙏
🙏जय श्री कृष्णा🙏
🌄 *श्री सनातन हिंदू पंचांग-29.09.2024* 🌄
✴️ *नियमित गोचर राशिफल सहित✴️*
🕉️ *शुभ रविवार -🌞- शुभ प्रभात् 🕉️*
( *केतकी चित्रापक्षीय गणितानुसारेण निर्मितम्)*
🕉️💥💥🕉️
_____________________
____________आज विशेष____________
नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास और पौराणिक मान्यता के साथ ऐतिहासिक विवरण
____________________
_________दैनिक पंचांग विवरण_______
______________________
आज दिनांक………………….29.09.2024
कलियुग संवत्…………………………5126
विक्रम संवत्………………………….. 2081
शक संवत्……………………………..1946
संवत्सर………………………….श्री कालयुक्त
अयन………………………………दक्षिणायन
गोल…………………………………… दक्षिण
ऋतु………………………………………शरद्
मास………………………………… ..आश्विन
पक्ष………………………………………कृष्ण
तिथि….द्वादशी. अपरा. 4.48 तक / त्रयोदशी
वार…………………………………… रविवार
नक्षत्र………मघा. उ.रात्रि. 6.19* तक / मघा
चंद्रराशि……………… सिंह. संपूर्ण (अहोरात्र)
योग……….. साध्य. रात्रि. 12.26 तक / शुभ
करण………………तैत्तिल. अपरा. 4.48 तक
करण……. गर. उ.रात्रि. 5.54* तक / वणिज ______________________
🌞✴️✴️🌄
*नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो
वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है*
_____________________
*विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट*
🌞 *श्री सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार🌞*
दिल्ली -10 मिनट———जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट——अहमदाबाद +8 मिनट
कोटा – 5 मिनट————-मुंबई +7 मिनट
लखनऊ – 25 मिनट——बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट–जैसलमेर +15 मिनट
✴️🌄🏵️🌞
____________________
– *सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची-*
✴️
_____________________
सूर्योदय…………………. प्रातः 6.24.00 पर
सूर्यास्त…………………. सायं. 6.18.53 पर
दिनमान-घं.मि.सै…………………11.54.53
रात्रिमान-घं.मि.सै……………….. 12.05.31
चंद्रास्त…………………….4.39.44 PM पर
चंद्रोदय……………………4.09.19 AM पर
राहुकाल….सायं. 4.50 से 6.19 तक(अशुभ)
यमघंट..अपरा. 12.21 से 1.51 तक (अशुभ)
गुलिक……………अपरा. 3.20 से 4.50 तक
अभिजित…….. मध्या.11.58 से 12.45 तक
पंचक………………………………….. नहीं है
हवन मुहूर्त(अग्निवास)…………..आज नहीं है
दिशाशूल……………………….. .पश्चिम दिशा
दोष परिहार…….. घी का सेवन कर यात्रा करें
_____________________
🌄 *विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय* 🌄
🌞🌞🌞
*अभिजित् मुहुर्त – दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.*
_____________________
*ब्रह्म मुहूर्त – सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है..*
_____________________
*प्रदोष काल – सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और
बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता है…*
_____________________
*गौधूलिक काल सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं
12 मिनट बाद का समय कहलाता है*
✡️✡️✡️
_____________________✴️ *भद्रा वास शुभाशुभ विचार✴️*
____________________
भद्रा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या, तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करें..
_____________________
💥🌄🌞🌞🕉️
* *दैनिक सूर्योदय कालीन लग्न एवं ग्रह स्पष्ट **
____________________
लग्न ………………कन्या 11°47′ हस्त 1 पू
सूर्य ………….. ….कन्या 12°11′ हस्त 1 पू
चन्द्र ………………. सिंह 1°24′.मघा 1 मा
बुध ^ …………….कन्या 10°43′ हस्त 1 पू
शुक्र ………………. तुला 13°2′ स्वाति 2 रे
मंगल …………..मिथुन 19°38′ आद्रा 4 छ
बृहस्पति ….. वृषभ 26°56′ मृगशीर्षा 2 वो
शनि * …… कुम्भ 20°22′ पूर्वभाद्रपद 1 से
राहू * ……. मीन 12°21′ उत्तरभाद्रपद 3 झ
केतु * …………….कन्या 12°21′ हस्त 1 पू
_____________________🌄 *दिन का चौघड़िया* 🌄
_____________________
चंचल………….. .प्रातः 7.53 से 9.23 तक
लाभ…………….प्रातः 9.23 से 10.52 तक
अमृत………….पूर्वा. 10.52 से 12.21 तक
शुभ……………. अपरा. 1.51 से 3.20 तक
______________________🌄 *रात्रि का चौघड़िया* 🌄
______________________
शुभ……….सायं-रात्रि. 6.19 से 7.50 तक
अमृत…………….रात्रि. 7.50 से 9.20 तक
चंचल…………..रात्रि. 9.20 से 10.51 तक
लाभ….रात्रि. 1.52 AM से 3.23 AM तक
शुभ…..रात्रि. 4.54 AM से 6.24 AM तक
_____________________
✴️🌞✴️🌄
_____________________
( *विशेष – ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है )*
____________
🔱🔱🔱🔱🔱
_____________________🕉️शुभ शिववास की तिथियां🕉️
शुक्ल पक्ष-2—–5—–6—- 9——-12—-13.
कृष्ण पक्ष-1—4—-5—-8—11—-12—-30.
_____________________
✴️🏵️🌄
__________________
*दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण*
संदर्भ विशेष -यदि किसी बालक का जन्म गंड नक्षत्रों (रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) में होता है तो सविधि नक्षत्र शांति की आवश्यक मानी गयी है और करवाना चाहिये..
*आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर..*
____________________
10.15 AM तक——–मघा—-1—–मा
04.55 PM तक——–मघा—-2—–मी
11.36 PM तक——–मघा—-3——मू
06.19 AM तक——–मघा—-4——मे
उपरांत रात्रि तक—पूर्वाफाल्गु—-1—–मो
________राशि सिंह – पाया चांदी _______
__________________
____________आज का दिन___________
✴️्✴️
____________________
व्रत विशेष………………………………नहीं है
अन्य व्रत………………………………. नहीं है
दिन विशेष……………………श्राद्ध पक्ष जारी
दिन विशेष……………………………. नहीं है
श्राद्ध विशेष……………………. द्वादशी श्राद्ध
श्राद्ध विशेष………. ..सन्यासीनां श्राद्ध विशेष
पर्व विशेष…………………………….. नहीं है
समय विशेष……पवित्र चातुर्मास विधान जारी
दिवस विशेष………….. विश्व हृदयरोग दिवस
पंचक………………………………….. नहीं है
विष्टि(भद्रा)……………………………. नहीं है
हवन मुहूर्त……………………… आज नहीं है
खगोलीय…. पुनर्वसौ भौम. रात्रि. 12.00* पर
सर्वा.सि.योग………………………….. नहीं है अमृत सि.योग………………………… .नहीं है
सिद्ध रवियोग…………………………. नहीं है
____________________
____________________
*__अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी___*
✴️🌄✴️
__________________
दिनांक……………………….. 30.09.2024 तिथि……….आश्विन कृष्णा त्रयोदशी सोमवार
व्रत विशेष……………………………… प्रदोष
अन्य व्रत……………………… मास शिवरात्रि
दिन विशेष……………………श्राद्ध पक्ष जारी
दिन विशेष…… बैंक वार्षिक लेखा बंदी दिवस
श्राद्ध विशेष………………….. त्रयोदशी श्राद्ध
पर्व विशेष……… आचार्य श्री राम शर्मा जयंती
समय विशेष……पवित्र चातुर्मास विधान जारी
दिवस विशेष……. अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस
पंचक……………………………………नहीं है
विष्टि(भद्रा)……………….रात्रि. 7.07 उपरांत
हवन मुहूर्त…………………………… आज है
खगोलीय……………………………… नहीं है
सर्वा.सि.योग………………………….. नहीं है अमृत सि.योग…………………………. नहीं है
सिद्ध रवियोग…………………………. नहीं है
____________________ ✴️ *आज की विशेष प्रस्तुति* ✴️
💥 *धर्म ज्योतिष आध्यात्म वास्तु राशिफल 💥*
_____________________
नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास और पौराणिक मान्यता के साथ ऐतिहासिक विवरण
विश्व में दो पशुपतिनाथ मंदिर प्रसिद्ध है एक नेपाल के काठमांडू का और दूसरा भारत के मंदसौर का। दोनों ही मंदिर में मुर्तियां समान आकृति वाली है। नेपाल का मंदिर बागमती नदी के किनारे काठमांडू में स्थित है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। यह मंदिर भव्य है और यहां पर देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।
पशु अर्थात जीव या प्राणी और पति का अर्थ है स्वामी और नाथ का अर्थ है मालिक या भगवान। इसका मतलब यह कि संसार के समस्त जीवों के स्वामी या भगवान हैं पशुपतिनाथ। दूसरे अर्थों में पशुपतिनाथ का अर्थ है जीवन का मालिक।
माना जाता है कि यह लिंग, वेद लिखे जाने से पहले ही स्थापित हो गया था। पशुपति काठमांडू घाटी के प्राचीन शासकों के अधिष्ठाता देवता रहे हैं। पाशुपत संप्रदाय के इस मंदिर के निर्माण का कोई प्रमाणित इतिहास तो नहीं है किन्तु कुछ जगह पर यह उल्लेख मिलता है कि मंदिर का निर्माण सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में कराया था।
605 ईस्वी में अमशुवर्मन ने भगवान के चरण छूकर अपने को अनुग्रहीत माना था। बाद में इस मंदिर का पुन: निर्माण लगभग 11वीं सदी में किया गया था। दीमक की वजह से मंदिर को बहुत नुकसान हुआ, जिसकी कारण लगभग 17वीं सदी में इसका पुनर्निर्माण किया गया।
बाद में मध्य युग तक मंदिर की कई नकलों का निर्माण कर लिया गया। ऐसे मंदिरों में भक्तपुर (1480), ललितपुर (1566) और बनारस (19वीं शताब्दी के प्रारंभ में) शामिल हैं। मूल मंदिर कई बार नष्ट हुआ है। इसे वर्तमान स्वरूप नरेश भूपलेंद्र मल्ला ने 1697 में प्रदान किया।
अप्रैल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप में पशुपतिनाथ मंदिर के विश्व विरासत स्थल की कुछ बाहरी इमारतें पूरी तरह नष्ट हो गयी थी जबकि पशुपतिनाथ का मुख्य मंदिर और मंदिर की गर्भगृह को किसी भी प्रकार की हानि नहीं हुई थी।
पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान की सेवा करने के लिए 1747 से ही नेपाल के राजाओं ने भारतीय ब्राह्मणों को आमंत्रित किया था। बाद में ‘माल्ला राजवंश’ के एक राजा ने दक्षिण भारतीय ब्राह्मण को मंदिर का प्रधान पुरोहित नियुक्त कर दिया। दक्षिण भारतीय भट्ट ब्राह्मण ही इस मंदिर के प्रधान पुजारी नियुक्त होते रहे थे। वर्तमान में प्रचंड सरकार के काल में भारतीय ब्राह्मणों का एकाधिकार खत्म कर नेपाली लोगों को पूजा का प्रभाव सौंप दिया गया।
ये मंदिर प्रत्येक दिन प्रातः 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहता है। केवल दोपहर के समय और साय पांच बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाते है। मंदिर में जाने का सबसे उत्तम समय सुबह सुबह जल्दी और देर शाम का होता है। पुरे मंदिर परिसर का भ्रमण करने के लिए 90 से 120 मिनट का समय लगता है।
नेपाल में पशुपतिनाथ का मंदिर काठमांडू के पास देवपाटन गांव में बागमती नदी के किनारे स्थित है। मंदिर में भगवान शिव की एक पांच मुंह वाली मूर्ति है। पशुपतिनाथ विग्रह में चारों दिशाओं में एक मुख और एकमुख ऊपर की ओर है। प्रत्येक मुख के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंदल मौजूद है। मान्यता अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग पारस पत्थर के समान है।
कहते हैं कि ये पांचों मुंह अलग-अलग दिशा और गुणों का परिचय देते हैं। पूर्व दिशा की ओर वाले मुख को तत्पुरुष और पश्चिम की ओर वाले मुख को सद्ज्योत कहते हैं। उत्तर दिशा की ओर वाले मुख को वामवेद या अर्धनारीश्वर कहते हैं और दक्षिण दिशा वाले मुख को अघोरा कहते हैं। जो मुख ऊपर की ओर है उसे ईशान मुख कहा जाता है।
इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति तक पहुंचने के चार दरवाजे बने हुए हैं। वे चारों दरवाजे चांदी के हैं। पश्चिमी द्वार की ठीक सामने शिव जी के बैल नंदी की विशाल प्रतिमा है जिसका निर्माण पीतल से किया गया है। इस परिसर में वैष्णव और शैव परंपरा के कई मंदिर और प्रतिमाएं है। पशुपतिनाथ मंदिर को शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ मंदिर का आधा भाग माना जाता है।
यह मंदिर हिंदू और बौद्ध वास्तुकला का एक अच्छा मिश्रण है। मुख्य पगोडा शैली का मंदिर सुरक्षित आंगन में स्थित है जिसका संरक्षण नेपाल पुलिस द्वारा किया जाता है। यह मंदिर लगभग 264 हेक्टर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 518 मंदिर और स्मारक सम्मिलित है। मंदिर की द्वी स्तरीय छत का निर्माण तांबे से किया गया है जिनपर सोने की परत चढाई गई है।
मंदिर वर्गाकार के एक चबूतरे पर बना है जिसकी आधार से शिखर तक की ऊंचाई 23m 7cm है। मंदिर का शिखर सोने का है जिसे गजुर कहते हैं। परिसर के भीतर दो गर्भगृह है एक भीतर और दुसरी बाहर। भीतरी गर्भगृह वह स्थान है जहां शिव की प्रतिमा को स्थापित किया गया है जबकि बाहरी गर्भगृह एक खुला गलियारा है।
भीतरी आंगन में मौजूद मंदिर और प्रतिमाओं में वासुकि नाथ मंदिर, उन्मत्ता भैरव मंदिर, सूर्य नारायण मंदिर, कीर्ति मुख भैरव मंदिर, बूदानिल कंठ मंदिर हनुमान मूर्ति, और 184 शिवलिंग मूर्तियां प्रमुख रूम से मौजूद है जबकि बाहरी परिसर में राम मंदिर, विराट स्वरूप मंदिर, 12 ज्योतिर्लिंग और पंद्र शिवालय गुह्येश्वरी मंदिर के दर्शन किए जाते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर आर्य घाट स्थिति है। पौराणिक काल से ही केवल इसी घाट के पानी को मंदिर के भीतर ले जाए जाने का प्रावधान है।
पशुपतिनाथ मंदिर के संबंध में यह मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस स्थान के दर्शन करता है उसे किसी भी जन्म में फिर कभी पशु योनि प्राप्त नहीं होती है।
हालांकि शर्त यह है कि पहले शिवलिंग के पहले नंदी के दर्शन ना करे। यदि वो ऐसा करता है तो फिर अलगे जन्म में उसे पशु बनना पड़ता है। मंदिर की महिमा के बारे में आसपास के लोगों से आप काफी कहानियां भी सुन सकते हैं। मंदिर में अगर कोई घंटा-आधा घंटा ध्यान करता है तो वह जीव कई प्रकार की समस्याओं से मुक्त भी हो जाता है।
1. *एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव यहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में चले बैठे थे। जब देवताओं ने उन्हें खोजा और उन्हें वाराणसी वापस लाने का प्रयास किया तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। कहा जाता हैं इस दौरान उनका सींग चार टुकडों में टूट गया था। इसके बाद भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में यहां प्रकट हुए थे।*
2. *दूसरी कथा एक चरवाहे से जुड़ी है। कहते हैं कि इस शिवलिंग को एक चरवाहे द्वारा खोजा गया था जिसकी गाय का अपने दूध से अभिषेक कर शिवलिंग के स्थान का पता लगाया था।*
*
3. *तीसरी कथा भारत के उत्तराखंड राज्य से जुडी एक पौराणिक कथा से है। इस कथा के अनुसार इस मंदिर का संबंध केदारनाथ मंदिर से है। कहा जाता है जब पांडवों को स्वर्गप्रयाण के समय शिवजी ने भैंसे के स्वरूप में दर्शन दिए थे जो बाद में धरती में समा गए लेकिन पूर्णतः समाने से पूर्व भीम ने उनकी पुंछ पकड़ ली थी।
जिस स्थान पर भीम ने इस कार्य को किया था उसे वर्तमान में केदारनाथ धाम के नाम से जाना जाता है। एवं जिस स्थान पर उनका मुख धरती से बाहर आया उसे पशुपतिनाथ कहा जाता है। पुराणों में पंचकेदार की कथा नाम से इस कथा का विस्तार से उल्लेख मिलता है।* ______________________ 🕉️ *आज का राशिफल* 🕉️
_____________________
मेष-(चू चे चो ला ली लू ले लो अ)
आप आज ऊर्जा से भरपूर होंगे और कुछ असाधारण करेंगे। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। आपको बच्चों या ख़ुद से कम अनुभवी लोगों के साथ धैर्य से काम लेने की ज़रूरत है। प्रेम जीवन की डोर को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो किसी तीसरे की बातों को सुनकर अपने प्रेमी के बारे में कोई भी राय न बनाएं। किसी भी स्थिति में आपको अपने समय का ख्याल रखना चाहिए याद रखिये अगर समय की कद्र नहीं करेंगे तो इससे आपको ही नुक्सान होगा। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच कोई बाहरी व्यक्ति दूरी पैदा करने की कोशिश कर सकता है, लेकिन आप दोनों स्थिति संभाल लेंगे। यात्रा पर किसी अजनबी से मुलाकात आपको अच्छे अनुभव करा सकती है।
वृषभ-(इ उ एओ वा वी वू वे वो)
अगर आप पर्याप्त आराम नहीं कर रहें है तो आप बहुत ज़्यादा थकान महसूस करेंगे और आपको अतिरिक्त आराम की ज़रूरत होगी। धन की आवाजाही आज दिन भर होती रहेगी और दिन ढलने के बाद आप बचत करने में भी सक्षम हो पाएंगे। जीवनसाथी और बच्चों से अतिरिक्त स्नेह और सहयोग मिलेगा। आज आपकी कोई बुरी आदत आपके साथि को बुरी लग सकती है और वो आपसे नाराज हो सकते हैं। आज आप सारे रिश्तों और रिश्तेदारों से दूर होकर अपना दिन किसी ऐसी जगह पर बिताना पसंद करेंगे जहां जाकर आपको शांति प्राप्त होती है। आपकी बातों को आपके घर वाले आज गौर से नहीं सुनेंगे इसलिए आज उनपर आपका गुस्सा फूट सकता है।
मिथुन- (क की कू घ ङ छ के को ह)
सेहत की तरफ़ ज़रा ज़्यादा ग़ौर करने की ज़रूरत है। आज अगर आप दूसरों की बात मानकर निवेश करेंगे, तो आर्थिक नुक़सान तक़रीबन पक्का है। बच्चे भविष्य की योजनाएँ बनाने की अपेक्षा घर के बाहर ज़्यादा समय बिताकर आपको निराश कर सकते हैं। एकतरफ़ा लगाव आपके लिए सिर्फ दिल तोड़ने का काम करेगा। घर के कामों को पूरा करने के बाद इस राशि की गृहणियां आज के दिन फुर्सत में टीवी या मोबाइल पर कोई मूवी देख सकती हैं। आपके जीवनसाथी की सुस्ती आपके कई कामों पर पानी फेर सकती है। आज कोई उलझन आपको दिन भर तंग कर सकती है। इस उलझन को दूर करने के लिए आपको अपने घर वालों से बात करनी चाहिए।
कर्क- (ही हू हे हो डा डी डू डे डो)
आज आप शारीरिक लाभ के लिए, विशेषकर मानसिक तौर पर मज़बूती हासिल करने के लिए ध्यान और योग का आश्रय लें। जो लोग लघु उद्योग करते हैं उन्हें आज के दिन अपने किसी करीबी की कोई सलाह मिल सकती है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ होने की संभावना है। परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों को तरजीह दें। उनके सुख-दुःख के भागीदार बनें, ताकि उन्हें महसूस हो कि आप वाक़ई उनका ख़याल रखते हैं। जो लोग घर सेे बाहर रहते हैं आज वो अपने सारे काम पूरे करके शाम के समय किसी पार्क या एकांत जगह पर समय बिताना पसंद करेंगे। विवाह एक दैवीय आशीर्वाद है और आज आप इसका अनुभव कर सकते हैं। आज का दिन उन चन्द दिनों जैसा है जब घड़ी की सुईयाँ बहुत धीरे-धीरे हिलती हैं और आप लंबे समय तक बिस्तर में पड़े रहते हैं। लेकिन इसके बाद ख़ुद को तरोताज़ा भी महसूस करेंगे और इसकी आपको काफ़ी ज़रूरत भी है।
सिंह- (मा मी मू मे मो टा टी टू टे)
आज बहुत ज़्यादा चिंता करना आपकी मानसिक शांति को बर्बाद कर सकता है। इससे बचें, क्योंकि ज़रा-सी चिंता और मानसिक तनाव भी शरीर पर ख़राब असर डालते हैं। जिन लोगों ने किसी अनजान शख्स की सलाह पर कहीं निवेश किया था आज उन्हें उस निवेश से फायदा होने की पूरी संभावना है। सामाजिक उत्सवों में सहभागिता का मौक़ा है, जो आपको प्रभावशाली व्यक्तियों के संपर्क में लाएगा। कोई अच्छी ख़बर या जीवनसाथी/प्रिय से मिला कोई संदेश आपके उत्साह को दोगुना कर देगा। घर से बाहर निकलकर आज आप खुली हवाओं में टहलना पसंद करेंगे। आज आपका मन शांत होगा जिसका फायदा आपको पूरे दिन मिलेगा। अगर आप वैवाहिक तौर पर लंबे समय से कुछ नाख़ुश हैं, तो आज के दिन आप हालात बेहतर होते हुए महसूस कर सकते हैं। दोस्त अकेलापन दूर करने के सबसे अच्छे माध्यमों में से एक हैं। दोस्तों के साथ समय बिताकर आज के दिन आप बेहतरीन क्षेत्र में समय निवेश कर सकते हैं।
कन्या- (टो प पी पू ष ण ठ पे पो)
आज जब भी आप कोई फ़ैसला लें, तो दूसरों की भावनाओं का ख़ास ख़याल रखें। आपका कोई भी ग़लत निर्णय न केवल उन पर ख़राब असर डालेगा, बल्कि आपको भी मानसिक तनाव देगा। पुराने निवेशों के चलते आय में बढ़ोत्तरी नज़र आ रही है। परिवार के सदस्यों की अच्छी सलाह आपके मानसिक तनाव को कम करने में दवा की तरह असरदार साबित होगी। अपने रोमांटिक ख़यालों को हर किसी को बताने से बचें। ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा सकते हैं। अगर आप अपने जीवनसाथी की छोटी-छोटी बातों को नज़रअन्दाज़ करेंगे, तो उन्हें बुरा लग सकता है। इस सप्ताहांत परिवार के साथ शॉपिंग पर जाना संभव लग रहा है, लेकिन शॉपिंग जेब पर भारी भी पड़ सकती है।
तुला- (रा री रू रे रो ता ती तू ते)
आज आपके बच्चे आपके मुताबिक़ नहीं चलेंगे, जो आपके झुंझलाहट की वजह बन सकता है। आपको ख़ुद पर नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि नाराज़गी सभी के लिए नुक़सानदेह है और यह सोचने-समझने की ताक़त को ख़त्म कर देती है। इससे सिर्फ़ मुश्किल बढ़ती है। आज यार दोस्तों के साथ पार्टी में आप खूब पैसे लुटा सकते हैं लेकिन इसके बावजूद भी आपका आर्थिक पक्ष आज मजबूत रहेगा। रिश्तेदारों और दोस्तों से अचानक उपहार मिलेगा। शाम ढलते-ढलते कोई आकस्मिक रुमानी झुकाव आपके दिलोदिमाग़ पर छा सकता है। दीर्घावधि में कामकाज के सिलसिले में की गयी यात्रा फ़ायदेमंद साबित होगी। यह दिन शादीशुदा ज़िन्दगी के सबसे ख़ास दिनों में से एक रहेगा। ग्रह इशारा कर रहे हैं कि धार्मिक क्रियाकलापों की अधिकता हो सकती है, मसलन आप मंदिर जा सकते हैं, दान-दक्षिणा भी संभव है और ध्यान-धारणा का अभ्यास भी किया जा सकता है।
वृश्चिक- (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
आज आप स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जीवन को व्यवस्थित करें। जिन लोगों ने किसी से उधार लिया है उन्हें आज किसी भी हालत में उधार चुकाना पड़ सकता है जिससे आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर हो जाएगी। घर में उल्लास का माहौल आपके तनावों को कम कर देगा। आप भी इसमें पूरी सहभागिता करें और महज़ मूक दर्शक न बने रहें। प्रेम-संबंध में ग़ुलाम की तरह व्यवहार न करें। आज कुछ नया और सृजनात्मक करने के लिए अच्छा दिन है। मुमकिन है कि आपका जीवनसाथी आज आपके लिए पर्याप्त समय न निकाल पाए। जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए आज आप किसी मनोवैज्ञानिक चिकित्सक से मिल सकते हैं।
धनु-ये यो भा भी भू धा फा ढ़ा भे)
आपका प्रबल आत्मविश्वास और आज के दिन का आसान कामकाज मिलकर आपको आराम के लिए काफ़ी वक़्त देंगे। पैसे कमाने के नए मौक़े मुनाफ़ा देंगे। घर के किसी सदस्य के व्यवहार की वजह से आप परेशान रह सकते हैं। आपको उनसे बात करने की जरुरत है। अपने साथी के साथ बाहर जाते वक़्त ठीक तरह से व्यवहार करें। कुछ लोगों के लिए आकस्मिक यात्रा दौड़-भाग भरी और तनावपूर्ण रहेगी। स्थितियों आपकी इच्छा के मुताबिक़ नहीं चलेंगी, लेकिन अपने साथी के साथ आप अच्छा समय गुज़ारेंगे। आज कोई उलझन आपको दिन भर तंग कर सकती है। इस उलझन को दूर करने के लिए आपको अपने घर वालों से बात करनी चाहिए।
मकर- (भो जा जी खी खू खे खो गा गी)
आज दूसरों की इच्छाएँ आपकी अपना ख़याल रखने की इच्छा से टकराएगी- अपने जज़्बात को बांधे नहीं और वे काम करें जिससे आपको सुकून मिले। आर्थिक जीवन में आज खुशहाली रहेगी। इसके साथ ही आप कर्जों से भी आज मुक्त हो सकते हैं। रिश्तेदारों के यहाँ छोटी यात्रा आपके भागदौड़ भरे दिन में आराम और सुकून देने वाली साबित होगी। ज़िन्दगी की हक़ीक़त का सामना करने के लिए आपको अपने प्रिय को कम-से-कम कुछ वक़्त के लिए भूलना पड़ेगा। आज के दिन अधिकांश समय ख़रीदारी और दूसरी गतिविधियाँ में जाएगा। आपके लिए यह ख़ूबसूरत रोमानी दिन रहेगा, लेकिन सेहत को लेकर थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। किसी दोस्त की सहायता करके आज आप अच्छा महसूस कर सकते हैं।
कुंभ- (गू गे गो सा सी सू से सो द)
आज आपका आकर्षक बर्ताव दूसरों का ध्यान आपकी तरफ़ खींचेगा। आज धन लाभ होने की संभावना तो बन रही है लेकिन ऐसा हो सकता है कि अपने गुस्सैल स्वभाव के कारण आप पैसा कमाने में सक्षम न हो पाएं। जीवनसाथी के साथ ख़रीदारी मज़ेदार रहेगी। इससे आप दोनों के बीच की समझ में भी इज़ाफ़ा होगा। जीवन की आपाधापी के बीच आज आप अपने बच्चों के लिए वक्त निकालेंगे। उनके साथ वक्त गुजार के आपको महसूस हो सकता है कि आपने जीवन के कई जरुरी पल गवां दिए हैं।
मीन- (दी दू थ झ ञ दे दो च ची)
आज आपका चढ़ा हुआ पारा आपको परेशानी में डाल सकता है। आप दूसरों पर कुछ ज़्यादा ख़र्चा कर सकते हैं। अपने जीवन-साथी के साथ बेहतर समझ ज़िन्दगी में ख़ुशी, सुकून और समृद्धि लाएगी। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा। यह ऐसा दिन है जब आप खुद को समय देने की कोशिश करते रहेंगे लेकिन आपको अपने लिए समय नहीं मिल पाएगा। आपको ख़ुश करने के लिए आपका जीवनसाथी काफ़ी कोशिशें कर सकता है। आपका कोई दोस्त आज आपकी जमकर तारीफ कर सकता है।
_____________________
🌄💥✴️
______________________
*अस्वीकरण(Disclaimer)दैनिक पंचांग,धर्म, ज्योतिष,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं,जो पूर्ण रूप से दायित्व मुक्त है,अतः संबंधित कोई भी प्रयोग अपने स्वविवेक के साथ करें या किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें।*