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दिनांक 25-02-24,
०चारे पानी के अभाव दर्जनो गायों ने तोड़ा दम०
आगामी दिनों में पानी की व्यवस्था नही होने पर हो सकती है सैकड़ो और भी मौते-
गढोरा के पहाड़ों पर रहने वाले गोवंश का है मामला–
दौसा के गढोरा गांव की खबर , एक तरफ सरकार द्वारा गायों का संरक्षण के लिए गोपालकों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है वही दूसरी ओर प्रशासन की अनदेखी के चलते सैकड़ो आवारा गौवंश चारे पानी के अभाव में दम तोड़ रहे है। उपखंड क्षेत्र के गढ़ोरा गांव में पहाड़ों पर रहने वाली सैकड़ो गाये व अन्य वन्य जीव पहाड़ की पानी की तलाई में पानी सूख जाने से व चारे के अभाव में दर्जनों गायों की मौत हो गई हैं और बाकी चारे- पानी के अभाव में भटक रही है जिसको लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से गायों के लिए सहायता की मांग की है ।जानकारी अनुसार ग्रामीण बनवारी लाल मीना, लोकेश चतुर्वेदी सहित अन्य ने बताया गढोरा, दिवाकर,बहरावंडा के पहाड़ों पर समतल मैदान में वर्षों से सैकड़ों गौवंश रह रहे हैं जो पहाड़ पर उगने वाले हरा चारा व बड़ी तलाई,एनीकट में भरे बारिश के पानी को पीकर जीवन व्यापन करते हैं जिनको पानी नही होने पर ग्रामीणों ने गायों को कई बार पहाड़ से नीचे लाने की कोशिश भी की लेकिन पहाड़ पर रहने वाली गाय नीचे उतरने से कतराती है।लेकिन इस बार बारिश के कम होने से तलाई का पानी बिल्कुल सुख जाने से चारे पानी के अभाव में विगत एक दो माह से गाये दम तोड़ रही है ।जिसके बारे में ग्रामीणों को मालूम होने पर पहाड़ पर पहुँचकर देखा तो करीब 2 दर्जन गायों के कंकाल बिखरे मिले जबकि अनेक गाय चारे पानी के अभाव में तड़प रही हैं।ग्रामीण लोकेश ने बताया कि पहाड़ पर शिघ्र चारे पानी की व्यवस्था नही हो पाई तो आने वाले दिनों में सैकड़ों गौवंश मौत के मुंह मे चले जायेंगे , जगह जगह पड़े है गायों के कंकाल व मृत शरीर-पहाड़ पर पानी की तलाई के आसपास दर्जनों गाय के मृत शरीर व कंकाल पड़े हुए हैं। तलाई में सुख गया पानी-पहाड़ पर गायों के लिए पेयजल का एकमात्र स्त्रोत तलाई में एक बूंद पानी भी नही होंने से गाय बकरियां सहित अन्य जीव पानी के लिए पहाड़ पर इधर उधर भटक रहे हैं और आने वाले गर्मी के दिनों में जीवों के हालात अधिक खराब होने वाले हैं।
दिया था ज्ञापन – ग्रामीणों ने विगत सितंबर माह में तलाई में पानी कम हो जाने पर ही जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर गायों के लिए पानी व्यवस्था की मांग करने पर भी कोई कार्रवाई नही होने से दर्जनों गायों की मौत हो गई और होने वाली है।
8 वर्ष पूर्व भी हुये थे यही हालात-सन2016 में भी गढोरा की पहाड़ो पर पानी सूख जाने से गायों की मौत हुई थी लेकिन उस समय ग्रामीणों, विभिन्न संगठनों, एनजीओ व प्रशासन ने भागीदारी दिखाते हुए पहाड़ पर रास्ता निकलवा कर ट्रैक्टर ट्रॉली से पहाड़ पर चार की व्यवस्था कीथी जिससे सैकड़ो गायों की मौत होने से बच गई थी ।
रिपोर्टर शिवकांत चतुर्वेदी की खबर