पहाड़ पर बना दिया आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों के लिए बना परेशानी का सबब
बलरामपुर रामानुजगंज !मो. कौशल!
जिले के रामानुजगंज विकासखंड मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर दूरी पर स्थित मितगई में आंगनबाड़ी केंद्र को करीब 100 मीटर ऊंचे पहाड़ पर बना दिया गया है। जिससे छोटे मासूम बच्चों को चढ़ने एवं उतरने में काफी परेशानी होती है।
बलरामपुर रामानुजगंज जिले के रामानुजगंज विकासखंड मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर दूरी पर स्थित मितगई में आंगनबाड़ी केंद्र को करीब 100 मीटर ऊंचे पहाड़ पर बना दिया गया है। जिससे छोटे मासूम बच्चों को चढ़ने एवं उतरने में काफी परेशानी होती है। वहीं हर पल गिरने का भी खतरा मंडराते रहता है। इतने ऊंचे पहाड़ पर बच्चे जाने से भी कतराते हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में करीब 20 से 25 बच्चे पंजीकृत है परंतु प्रतिदिन इतनी संख्या में ऊंचाई के कारण बच्चे वहां नहीं पहुंचते हैं।
ग्राम मितगई के शेख पारा में आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कुछ वर्ष पूर्व किया गया था बताया जा रहा है कि नीचे समतल भूमि नहीं मिलने के कारण पहाड़ पर निर्माण कर दिया गया। आंगनबाड़ी केंद्र का भवन बनने के बाद यहां पर आंगनबाड़ी नियमित रूप से लग रहा है परंतु बच्चे इतनी ऊंचाई में जाने से कतराते हैं शेखपारा के 3 से 6 वर्ष के बच्चे जो नियमित रूप से आंगनबाड़ी जा सकते हैं परंतु वह ऊंचाई पर आने जाने के कारण नहीं जाना चाहते हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में पानी की भी व्यवस्था नहीं है पानी भी नीचे से लेकर जाना पड़ता है जो बहुत ही कठिन होता है।
सेप्टिक टैंक खुला छोड़ दिया
एक ओर इतनी ऊंचाई में आंगनबाड़ी केंद्र का भवन बना दिया गया है वही आंगनबाड़ी केंद्र जब से बना है तब से सैप्टिक टैंक खुला छोड़ दिया गया है एक और ऊंचाई से बच्चों के गिरने का खतरा दूसरी ओर सेप्टिक टैंक भी बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
पलक झपकते हो सकता है हादसा
आंगनवाड़ी भवन के ठीक सामने खाई है मुश्किल से वह भवन से 5 से 10 फीट की सीधी दूरी पर है ऐसे में बच्चे भवन से निकलकर सामने की ओर जाते हैं तो पलक झपकते कभी भी हादसा हो सकता है हर एक पल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को बच्चों पर नजर रखनी पड़ती है।
महिला बाल विकास अधिकारी विनय यादव ने बताया कि मेरे जानकारी में है वहां कुछ ऊंचाई में आंगनबाड़ी केंद्र है वहां में जाते रहता हूं। आंगनबाड़ी केंद्र तक जाने के लिए रास्ता बनवाया गया है प्रयास है कि आंगनबाड़ी केंद्र नीचे संचालित हो सके।