• एक लाख रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
• अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
• साढ़े सात वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला।
फोटो: कोर्ट भवन
सोनभद्र। साढ़े सात वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी भगवान दास को 10 वर्ष की कैद एवं एक लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक रॉबर्ट्सगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 22 अप्रैल 2017 को रॉबर्ट्सगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 19 अप्रैल 2017 को दोपहर बाद दो बजे रॉबर्ट्सगंज थाना क्षेत्र के घुवास गांव निवासी भगवान दास पुत्र राजकुमार उसकी 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को घर पर छोड़ने के लिए कहकर बाइक पर बैठा लिया और उसे लेकर शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में अपनी साली के घर ले गया और चाकू दिखाकर बेटी के साथ जबरजस्ती बलात्कार किया। दूसरे दिन सुबह 10 बजे बेटी को जहां से ले गया था वहीं छोड़कर भाग गया। जब बेटी घर आयी तो रो रोकर अपनी माँ से सारी बात बताई। इस तहरीर पर पुलिस ने 22 अप्रैल 2017 को एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 6 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी भगवान दास को 10 वर्ष का कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।