न्यूज़ रिपोर्टर मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
जयपुर के जे के लोन अस्पताल के डॉक्टर प्रियांशु माथुर ने बताया कि क्राउड फंडिंग की मदद से अमेरिका से साढ़े सत्रह करोड़ रुपये का जोलगेनेस्मा इंजेक्शन मंगवाया गया. उन्होंने बताया कि 23 महीने का हृदयांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है, जिसके लिए इतने महंगे इंजेक्शन की जरूरत पड़ी.उन्होंने बताया कि बच्चे की थैरेपी शुरू कर दी गई और करीब एक घंटे में बच्चे को ये दवाई दी गई. दवाई देने के दौरान बच्चे की हालत स्थिर रही. उन्होंने बताया कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी नाम की बीमारी में बच्चे की लाइफ दो से चार साल की ही रहती है. अभी तक ये इंजेक्शन दुनिया के करीब 3500 बच्चों को लग चुकी है और इन सभी बच्चों की जान बचा ली गई.डॉक्टर प्रियांशु माथुर ने बताया कि जिस बीमारी में बचने के चांस बहुत ही कम होते थे, वहीं इस जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगाने से ११ फीसदी बच्चों की जान बच चुकी है. उन्होंने बताया कि इस दवा का असर सात से दस दिन में शुरू हो जाता है, लेकिन पूरी तरह से असर करने में थोड़ा समय लगेगा. दो महीने तक बच्चे की दूसरी दवाइयां भी चलेंगी.उन्होंने बताया कि बच्चे को 24 घंटे एडमिट रखा जाएगा, जिसके बाद सब कुछ सही रहने पर बच्चे की अस्पताल से छुट्टी कर दी जाएगी. डॉक्टर के मुताबिक अगले कुछ महीनों तक हृदयांश की दवाइयां चलेंगी.

जोलगेनेस्मा इंजेक्शन
बीकानेर-दुनिया का सबसे महंगा साढ़े सत्रह करोड़ का इंजेक्शन लाया गया अमेरिका से जयपुर, अब बचेगी मासूम हृदयांश की जिंदगी


















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