किसानों की मांगों को लेकर जिलेभर के किसानों ने लघु सचिवालय में बोला हल्ला
रिपोर्टर इन्द्र जीत
सिरसा हरियाणा

उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, 12 दिसंबर को जींद में एकत्रित होंगे प्रदेशभर के किसान
सिरसा। सरकार द्वारा किसान-मजदूरों के साथ किये वायदों को पूरा करने, सरकार द्वारा मानी हुई मांगों को जल्द लागू करने व उनके साथ हो रही लूट व धोखाधड़ी के विरोध में जिलेभर के किसानों ने बीकेई के बैनर तले किसानों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने की। औलख ने बताया कि सर्वप्रथम सभी किसान बरनाला रोड स्थित शहीद भगत सिंह स्टेडियम में एकत्रित हुए। यहां से जुलूस की शक्ल में प्रदर्शन करते हुए किसान लघु सचिवालय पहुंचे और उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर की 350 वीं शहीदी दिवस को समर्पित 9 दिसंबर को चोरमार साहिब गुरुद्वारे में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा 12 दिसंबर को जींद में हरियाणा किसान मजदूर मोर्चा की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेशभर के किसान एकत्रित होंगे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना:
खरीफ -2023 में सिरसा जिले के कई किसानों का बीमा प्रीमियम 10 से 12 महीनों बाद वापिस आ गया था, जिसके लिए पहले भी किसानों ने अपील की थी कि वह बीमा प्रीमियम किसानों से दोबारा लेकर उन्हें बीमा क्लेम जारी किया जाये। खरीफ -2024 में सिरसा जिले के 25 गांवों पर कंपनी द्वारा आपति लगाकर उनका बीमा क्लेम रोक दिया गया था। जिसे मीटिंग में रखा जाना था, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद
भी अभी तक मीटिंग नहीं हुई है। खेत को इकाई मानकर ही उसके नुक्सान का आंकलन किया जाये। खरीफ -2025 में भारी बरसात, जलभराव व बाढ़ से सिरसा जिले में बहुत भारी नुक्सान हुआ था। जिन किसानों की केसीसी है। उन किसानों का खरीफ व रबी सीजन का बीमा प्रीमियम बैंकों द्वारा 31 जुलाई व 31 दिसम्बर को बिना उनकी मर्जी से उनके खातों से काट लिया जाता है। प्रार्थना है कि जब तक किसान फसल बीमा न करवाने चाहे तब कि उसके बैंक खाते से उसकी बीमा प्रीमियम राशि ना काटी जाये ना ही उससे बीमा प्रीमियम रोकने के लिए बार-बार लिखित में लिया जाये ।
खराब हुई फसलों का बकाया मुआवजा:
खरीफ -2020 में सिरसा जिले में सफेद मच्छर से नरमें की फसल बर्बाद हो गई थी। जिसका लम्बे संघर्ष के बाद हरियाणा सरकार ने डबवाली, कालांवाली, गोरीवाला व सिरसा 4 तहसीलों का 65 करोड़ के लगभग मुआवजा जारी किया था। पहले 2023 में यह फण्ड तहसीलों में भेजा गया जो राजस्व विभाग ने किसानों के खातों में जारी न करने की वजह से 31 मार्च 2024 को वापिस हो गया। उसके बाद दूसरी बार यह राशि तहसीलों को जारी की गई दूसरी बार भी तहसील अधिकारियों/कर्मचारियों की लाहपरवाही की वजह से पूरी राशि किसानों को जारी नहीं की गई। खरीफ -2025 में भारी बरसात जलभराव व बाढ से सिरसा जिले किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। हिसार घग्घर ड्रेन व घग्घर नदी के पानी के उफान से फसलों के साथ-साथ किसानों के टयूब्वैल/बोर, सोलर पलेटेंए खेतों में बनी हुई ढाणियों में बने मकान पानी की चपेट में आने से बर्बाद हो गये थे। मुख्यमंत्री जी आपने ऐलान किया था कि दीपावली से पहले पहले खरीफ -2025 की बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा जारी कर दिया जायेगा, लेकिन हरियाणा के किसानों को आजतक उपरोक्त मुआवजा ना दिया गया है।
नहरों में सुचारू हो सप्लाई:
सिरसा जिले में नहरों में पानी की सप्लाई शैड्यूल के हिसाब से नहीं की जा रही है। बार-बार बिना किसी सूचना के नहरें बन्द कर दी जाती है। रबी सीजन की बिजाई के समय किसानों को पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है, लेकिन विभाग द्वारा मुरम्मत के नाम नहरों की बंदी कर दी गई है। जिस कारण कई किसान फसल बिजाई से भी वंचित है। सिरसा जिले के कई गांवों में पीने का पानी भी खत्म हो गया है। लोग पीने के पानी मोल लेने को मजबूर है। घग्घर नदी की खुदाई व बांधों की मजबूती न होने के कारण हर बार घग्घर नदी के साथ लगते इलाके को बाढ़ की चपेट से भारी नुक्सान होता है। हम आपसे अपील करते हंंै कि घग्घर नदी की खुदाई करवाई जाये तथा दोनों तरफ बने हुए बांधों को मजबूत करके उन पर पक्की सडक़े बनवाई जाये। हिसार घग्घर ड्रेन से बरसात के सीजन में सिरसा जिले चौपटा क्षेत्र में भारी तबाही होती है और सेमग्रस्त एरिया भी हर साल बढ़ रहा है। हिसार घग्घर ड्रेन का स्थाई समाधान किया जाये ताकि किसानों को जलभराव व सेम से होने वाले नुक्सान से बचाया जा सके। हिसार घग्घर ड्रेन पर ओटू हैड के नजदीक साईफन बनाया गया था, जोकि कामयाब नहीं हुआ है। ओटू हैड पर एनजीसी नहर पर खरीफ सीजन में फल्डी पानी की सप्लाई बाधित न हो, उसके लिए एनजीसी नहर पर साइफन का निर्माण किया जाये।
अनाज मण्डियों में किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी व लूट बंद हो:
परमल धान की खरीद में हरियाणा में बड़ा घोटाला हुआ है, जिसमें सिरसा जिला भी शामिल है। कालांवाली की फग्गू अनाज मण्डी में नमी के नाम पर किसानों से 10 से 20 किलो. प्रति क्विंटल काट ली गई है। प्राईवेट शैलर मालिकों ने अपने कंडों व मशीन से धान की नमी की जांच करके किसानों का धान लूटा है। क्योंकि जब जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों की शिकायत की तो पाया गया कि सरकारी मशीन से धान की नमी 21.3 आई व शैलर वाली मशीन पर नमी 28.7 दर्शाई गई। इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर किसानों के साथ हुई लूट की भरपाई करवाई जाये। हरियाणा सरकार द्वारा बाजरे पर चलाई गई भावअंतर योजना में भी किसानों को लूटा गया है। किसान से 1700 से 2000 रूपये प्रति क्विंटल तक खरीद की गई है। जबकि एमएसपी 2775 रुपए निर्धारित की गई है। नरमा वाले किसानों के साथ भी सरकार ने भद्दा मजाक किया है। जबकि किसानों का 70 प्रतिशत नरमा प्राईवेट मिल मालिकों ने ओने-पौने दामों पर खरीद लिया था तब सीसीआई ने अपनी खरीद शुरू की। सीसीआई कॉटन फैक्ट्ररियों व बड़े व्यापारियों के साथ मिलकर नरमा खरीद में बड़ा घोटाला कर रही है।
खाद की कमी पूरी करे कृषि विभाग:
यूरिया व डीएपी खाद की सप्लाई समय पर सुनिश्चित की जाये, ताकि किसानों के साथ खाद में हो रही लूटए कालाबजारी व टेंगिंग से किसानों को बचाया जा सके। को.ओ. सोसायटी, इफको सैंटरों व प्राईवेट दुकानों पर सरेआम किसानों को खाद के साथ अनावश्यक प्रोडेक्ट दिये जा रहे हैं। सरकार द्वारा इसके खिलाफ बार-बार ब्यान तो दिये जा रहे हैं, परन्तु धरातल पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। बीटी कॉटन वाले किसान लम्बे समय से नरमे की फसल न होने की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। वर्ष 2006 के बाद बीटी कॉटन में कोई सुधार नहीं किया गया है। आपसे अपील है कि उत्तम क्वाटिली के बीज किसानों को उपलब्ध करवाये जाये।


















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