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एसआईआर-2025 कार्यक्रम में उपलब्धि:राजस्थान के 200 विधानसभा क्षेत्रों में सवाई माधोपुर का बामनवास अग्रणी

खंडार रिपोर्टर भगवान शर्मा जिला सवाईमाधोपुर राजस्थान

एसआईआर-2025 कार्यक्रम में उपलब्धि:राजस्थान के 200 विधानसभा क्षेत्रों में सवाई माधोपुर का बामनवास अग्रणी


सत्यार्थ न्यूज़- सवाई माधोपुर: मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर-2025) कार्यक्रम के तहत मतदाता गणना प्रपत्रों को डिजिटाइज करने के काम में जिले का बामनवास विधानसभा क्षेत्र अग्रणी है। बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर मतदाता परिगणना प्रपत्र वितरण का काम लगभग 100 प्रतिशत पूरा करने के बाद इस क्षेत्र में बुधवार सांय 6 बजे तक लगभग 58 प्रतिशत प्रपत्र ऑनलाइन अपलोड किए जा चुके हैं। राजस्थान के सभी जिलों की एसआईआर प्रक्रिया की रैंकिंग में सवाई माधोपुर जिला अग्रणी जिलों में है।
जिले में लगभग सभी मतदाताओं को कुल 10 लाख 54 हजार 343 को गणना प्रपत्र (ईएफ) वितरित किए जा चुके हैं और अब भरे हुए प्रपत्रों को डिजिटाइज करने का कार्य प्रगति पर है। बुधवार 19 नवम्बर तक 51.05 प्रतिशत से अधिक 5.25 लाख प्रपत्र ऑनलाइन जमा किए जा चुके हैं। बामनवास विधानसभा क्षेत्र में यह कार्य 57.76 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है, जो राज्य की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में 6वें स्थान पर है। जिले के सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र के मलारना डूंगर तहसील इलाके में 70 प्रतिशत से अधिक प्रपत्र ऑनलाइन किए जा चुके हैं। जिले में राजनैतिक दलों के बूथ स्तरीय अभिकर्ता (बीएलए) भी बीएलओ के साथ फील्ड में जा रहे हैं, मतदाताओं की पहचान करने में इनका योगदान रहा है। उपखंड, तहसील कार्यालय और जिला कार्यालय में स्थित हेल्पडेस्क के माध्यम से लोगों स्वयं प्रपत्र ऑनलाइन करने हेतु प्रयास किया गया। बीएलओ की सहायता के लिए आवश्यक स्टाफ लगाया गया। नियमित मॉनिटरिंग और दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्राप्त कर पिछड़ रहे बीएलओ से बात कर टीम के सदस्यों का मनोबल बढ़ाया। डिजिटलीकरण में प्रगति के लिए बीएलओ की सहायता के लिए प्रशिक्षित कार्मिकों को लगाया, जिससे बीएलओ का भार कम हुआ। टीम को प्रशिक्षण प्रदान किया गया, ताकि डेटा सटीक और तेज़ी से अपडेट हो सके। जिले में कुछ बीएलओ ने मतदाता गणना प्रपत्र जमा करने का 100 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है।जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलक्टर कानाराम ने इन उपलब्धियों पर बामनवास और सवाई माधोपुर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में एसआईआर प्रक्रिया से जुड़े बीएलओ, सुपरवाइजर, स्वयंसेवकों सहित सभी कार्मिकों और अधिकारियों को बधाई दी है तथा एसआईआर की प्रक्रिया सम्पन्न होने तक इस गति को बनाए रखने की अपील की है।
बामनवास विधानसभा क्षेत्र की निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी प्रियंका कंडेरा ने उनके विधानसभा क्षेत्र में एसआईआर कार्यक्रम की उपलब्धि का श्रेय टीमवर्क को दिया है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में बीएलओ के साथ सहायक बीएलओ, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, नरेगा कनिष्ठ सहायक, पंचायत सहायक, कृषि पर्यवेक्षक आदि ने प्रपत्र वितरण, मतदाताओं के पुराने सूचना विवरण, फोटो चिपकाने और प्रपत्र संकलित करने के कार्य में सक्रिय सहयोग दिया। इस बार में उनको एसआईआर प्रक्रिया की पूरी जानकारी और प्रशिक्षण दिया गया तथा फील्ड में आने वाली संभावित चुनौतियों और उनके समाधान के बारे में भी समझाया गया था।
जिला कलक्टर काना राम ने एसआईआर प्रक्रिया से जुड़े कार्मिकों और अधिकारियों के साथ ही अन्य राजकीय कार्मिकों तथा आम नागरिकों से कहा कि वे एसआईआर प्रक्रिया को अधिकाधिक ऑनलाइन ही पूरी करें। इससे यह कार्य जल्द और त्रुटि रहित ढंग से सम्पन्न हो सकेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि गणना प्रपत्र को ऑनलाइन जमा करना बेहद आसान है। कुछ जिलेवासियों ने इसे ठीक से समझ लिया है, तभी हमारा जिला इस कार्य में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी, कार्मिक या मतदाता अपना गणना प्रपत्र ऑनलाइन जमा कर देता है, वह अपने परिजनों, दोस्तों, पड़ोसियों और अन्य लोगों के प्रपत्र ऑनलाइन अपलोड करवाने सहायता करें।
नियमित समस्या समाधान से कार्य में बेहतर प्रगति हुई सम्भव :- हमारे क्षेत्र में राजनैतिक दलों के बूथ स्तरीय अभिकर्ता (बीएलए) भी बीएलओ के साथ फील्ड में जा रहे हैं, मतदाताओं की पहचान करने में इनका योगदान रहा है। उपखंड, तहसील कार्यालय और जिला कार्यालय में स्थित हेल्पडेस्क के माध्यम से लगातार शिकायतें प्राप्त कर बीएलओ के जरिए उनका निस्तारण का लगातार प्रयास किया गया। हमने बीएलओ से नियमित रूप से बात की उनकी समस्यायों को सुलझाने का प्रयास किया। ⁠रविवार के दिन प्रत्येक बूथ पर एक दिवसीय कार्यक्रम रखा गया, जिसमें विद्यालय के सभी स्टाफ को बीएलओ का सहयोग करने का निवेदन किया गया। इन दिनों में डिजिटाइजेशन में सबसे अधिक प्रगति रही।
नियमित मॉनिटरिंग और दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्राप्त कर पिछड़ रहे बीएलओ से बात कर टीम के सदस्यों का मनोबल बढ़ाया। डिजिटलीकरण में प्रगति के लिए बीएलओ की सहायता के लिए प्रशिक्षित कार्मिकों को लगाया, जिससे बीएलओ का भार कम हुआ। टीम को प्रशिक्षण प्रदान किया गया, ताकि डेटा सटीक और तेज़ी से अपडेट हो सके।

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