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ग्राम टेमनीकला में स्टोन क्रेशर लगाने का विरोध, ग्रामीण बोले – “प्रदूषण से बर्बाद हो जाएगा गांव”

ग्राम टेमनीकला में स्टोन क्रेशर लगाने का विरोध, ग्रामीण बोले – “प्रदूषण से बर्बाद हो जाएगा गांव”

संवाददाता धनंजय जोशी
जिला पांढुरना मध्य प्रदेश

चारागाह भूमि पर स्टोन क्रेशर की तैयारी से ग्रामीणों में नाराजगी, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, बोले – नहीं मानी मांग तो करेंगे अनिश्चितकालीन धरना

पांढुरना – ग्राम टेमनीकला के ग्रामीणों ने शासकीय भूमि पर प्रस्तावित स्टोन क्रेशर की स्थापना का विरोध करते हुए प्रशासन से इसे तत्काल रोकने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित भूमि चारागाह (गौचर भूमि) के रूप में आरक्षित है, जहाँ वर्षों से ग्राम के पशु चरते हैं। ऐसे में वहां उद्योग लगाने से पर्यावरण के साथ-साथ ग्रामीण जीवन पर भी गंभीर असर पड़ेगा।

ग्रामीणों ने बताया कि श्याम पिता किशोर साहू द्वारा उक्त भूमि को लीज पर लेकर स्टोन क्रेशर स्थापित करने के लिए आवेदन दिया गया है। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि यदि यह क्रेशर लग गया तो गांव में धूल, शोर और जल प्रदूषण जैसी समस्याएं उत्पन्न होंगी, जिससे खेतों की उपज और लोगों के स्वास्थ्य दोनों पर बुरा असर पड़ेगा।

स्थानीय निवासियों ने यह भी बताया कि प्रस्तावित भूमि के पास ही शासकीय प्राथमिक विद्यालय संचालित है, जहाँ सैकड़ों बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। क्रेशर से उठने वाली धूल और ट्रकों की आवाजाही से बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी और उनके स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इसके अलावा, ग्रामीणों ने कहा कि लगातार चलने वाले भारी वाहनों से सड़क पर जाम की स्थिति बन सकती है, जिससे आमजन को आवागमन में कठिनाई होगी।

ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जिला कलेक्टर पांढुरना को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि स्टोन क्रेशर लगाने की अनुमति रद्द की जाए और ग्राम की चारागाह भूमि को संरक्षित रखा जाए।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे अनिश्चितकालीन धरना और चक्का जाम आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

ग्रामीणों का कहना है —

> “हम अपने गांव, अपने पशुओं और अपने बच्चों के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाल सकते। गांव को प्रदूषण से बचाने के लिए हम हर स्तर पर आवाज़ उठाएंगे।”

गांव के लोगों ने प्रशासन से निवेदन किया है कि वे ग्राम की स्थिति को देखते हुए जनहित में निर्णय लें और प्रदूषण फैलाने वाले किसी भी उद्योग को गांव की सीमा में अनुमति न दें।

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