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दूध-दही से लेकर कार तक सस्ती।शराब-लक्ज़री कार पर 40% टैक्स

 दूध-दही से लेकर कार तक सस्ती।शराब-लक्ज़री कार पर 40% टैक्स

रिपोर्ट धीरज खंडूडी


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी (GST) दरों में ऐतिहासिक सुधारों की घोषणा की। अब तक लागू चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) की जगह सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18% रहेंगे। इसके अलावा चुनिंदा वस्तुओं और लग्जरी आइटम्स के लिए 40% का विशेष कर स्लैब बनाया गया है। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी।

रोज़मर्रा की ज़रूरी चीजें होंगी सस्ती
अब आम आदमी को राहत मिलेगी क्योंकि रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स घटा दिया गया है।

हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, टूथब्रश, शेविंग क्रीम पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया।
मक्खन, घी, पनीर, चीज और डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैक्स 12% से घटाकर 5%।
नमकीन, भुजिया, मिक्सचर और बर्तन अब सिर्फ 5% जीएसटी स्लैब में आएंगे।
बच्चों के फीडिंग बोतल, डायपर, नैपकिन और सिलाई मशीन जैसी वस्तुएं भी सस्ती होंगी।
किसानों और कृषि क्षेत्र को फायदा
किसानों की लागत घटाने के लिए भी बड़े फैसले हुए हैं।

ट्रैक्टर, टायर और उसके पुर्ज़े अब 18% की जगह 5% स्लैब में आएंगे।
ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर, कृषि/बागवानी उपकरण पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%।
जैव कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्व भी सस्ते होंगे।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में राहत
वाहन खरीदना भी अब आसान होगा।

पेट्रोल/डीजल हाइब्रिड कार (1200cc और 4000mm तक) पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।
तीन पहिया वाहन और मोटरसाइकिल (350cc तक) पर भी टैक्स घटकर 18%।
माल ढोने वाले वाहन भी अब सस्ते मिलेंगे।
स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ी राहत
व्यक्तिगत स्वास्थ्य व जीवन बीमा पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
थर्मामीटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स पर जीएसटी घटकर 5%।
चश्मा (स्पेक्टेकल्स) पर टैक्स 12% से घटाकर सिर्फ 5%।
शिक्षा अब होगी किफायती
छात्रों के लिए भी राहत का ऐलान किया गया है।

मानचित्र, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन और पेंसिल बॉक्स पर अब कोई टैक्स नहीं।
कॉपियां और नोटबुक भी जीएसटी मुक्त हो जाएंगी।
लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर 40% टैक्स
सरकार ने अमीर वर्ग और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा दिया है।

शराब, तंबाकू और लग्जरी कारों जैसी चीज़ों पर 40% विशेष कर लगाया जाएगा।
पहले इन पर जीएसटी के साथ क्षतिपूर्ति उपकर (Compensation Cess) लगता था, अब यह टैक्स सीधे जीएसटी में शामिल होगा।

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