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घग्घर में पानी की आवक के मद्देनजर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर जन प्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के साथ बैठक, दिलाया सहयोग का भरोसा

घग्घर में पानी की आवक के मद्देनजर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर जन प्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के साथ बैठक, दिलाया सहयोग का भरोसा

संवाददाता शक्ति सिंह सत्यार्थ न्यूज पीलीबंगा

हनुमानगढ़। घग्घर में लगातार बढ़ रही पानी की मात्रा को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरी तरह चौकसी बरतनी शुरू कर दी है। गुलाचिका और खनौरी क्षेत्र में भारी बारिश के चलते पानी की आवक बढ़ी है। रविवार को गुलाचिका पर 42 हजार क्यूसेक, चांदपुर में 10 हजार 500 क्यूसेक तथा ओटू हेड पर 22 हजार क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा था। जिले में घग्घर साइफन से 17 हजार क्यूसेक पानी पहुंचा है, जिसमें से 5 हजार क्यूसेक नाली बेड में और 12 हजार क्यूसेक जीडीसी में प्रवाहित किया जा रहा है। स्थिति पर निगरानी बनाए रखने के लिए जल संसाधन विभाग ने जिले को छह भागों में विभाजित कर प्रत्येक खंड के लिए प्रभारी व सह प्रभारी नियुक्त किए हैं। जिला प्रशासन ने भी घग्घर क्षेत्र को 19 भागों में बांटकर 19 प्रभारी, 41 सह प्रभारी एवं 105 कार्मिकों को तैनात किया है। इसके साथ ही सार्वजनिक निर्माण विभाग, डिस्कॉम ने अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंताओं को तैनात किया है। वहीं पुलिस, पशुपालन और स्वास्थ्य विभागों की टीमें भी गठित कर सक्रिय की गई हैं।
रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिला प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, व्यापारिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने बताया कि गुलाचिका पर इस समय 42 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है, जिसका लगभग एक-तिहाई हिस्सा जिले में प्रवेश करता है। वर्तमान में स्थिति सामान्य है, लेकिन पानी की बढ़ती संभावना को देखते हुए प्रशासन सतर्क है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में पानी डाइवर्जन की संभावना को देखते हुए समन्वय स्थापित है, ताकि सिंचाई पानी की उपलब्धता पर असर न पड़े। जिला कलेक्टर ने बताया कि जीडीसी की क्षमता 17 हजार क्यूसेक है, जबकि फिलहाल 12 हजार क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा है। जिले की 44 पंचायतों को संभावित प्रभावित श्रेणी में रखा गया है। निचले इलाकों में संभावित जलभराव को देखते हुए आबादी का आकलन कर राहत केंद्रों का चिह्निकरण कर लिया गया है। आमजन की मूलभूत सुविधाओं की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार सैंड बैग तैयार है। एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस की टीमें तैयार है, आवश्यकतानुसार श्रीगंगानगर एवं जयपुर से टीमों को बुलाया जाएगा।उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी भी जानकारी या सहायता के लिए जिला स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 01552-260299 पर संपर्क अथवा व्हाट्सएप नंबर 82094-05037 पर जानकारी साझा करने की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त आधिकारिक सूचना के लिए जिला प्रशासन के आधिकारिक माध्यमों जैसे – व्हाट्सएप सोशल मीडिया चैनल को फॉलो करें। जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर प्रदीप रस्तोगी ने कहा कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर मिट्टी, ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य संसाधनों के लिए जनसहयोग अपेक्षित रहेगा। ग्रामीणों से अपील की गई कि कहीं भी पानी के रिसाव या कटाव की स्थिति दिखने पर तत्काल प्रशासन को सूचित करें। जनप्रतिनिधियों, सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि हर परिस्थिति में वे प्रशासन को सहयोग देंगे और मिलकर संभावित आपदा से निपटेंगे।
बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद डेलू, जिला प्रमुख कविता मेघवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी, जनप्रतिनिधि अमित सहू, एडीएम उम्मेदी लाल मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जनेश तंवर, आरपीएस रणवीर साईं, पूर्व सभापति सुमित रणवा, पदम जैन, जिला परिषद सीईओ ओपी बिश्नोई, टिब्बी प्रधान निकुराम, पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़, जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर प्रदीप रस्तोगी, पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता विजय वर्मा, डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता रिछपाल चारण, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता शीशपाल चौधरी, सीएमएचओ डॉक्टर नवनीत शर्मा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सामाजिक, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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