लाखों का तेंदू पत्ता किसने रखा सामुदायिक व पंचायत भवन में
रविवार के दिन पंचायत भवन खुलने का क्या औचित्य पंचायत सहायक की भूमिका संदिग्ध
सोनभद्र/संतेश्वर सिंह/जितेंदर तिवारी
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सोनभद्र मांची थाना क्षेत्र के चरगड़ा गांव में आज रविवार दोपहर बाद लाखों का चोरी का तेंदू पत्ता सामुदायिक भवन और पंचायत भवन में रखे जाने का मामला प्रकाश में आया है जब इस तेंदू पत्ते और उसे लादने के लिए गई गाड़ी का फोटो और वीडियो बनाने का प्रयास कुछ पत्रकारों ने किया तो वहां कुछ जाति विशेष के लोगों ने धमकी भी दी। बावजूद इसके पत्रकार फोटो और वीडियो बनाने में सफल रहे आखिर सवाल खड़ा हो रहा है जब तेंदू पत्ते का कार्य निगरानी वन निगम द्वारा कराई जाती है तो यह पता यहां कैसे रह गया क्योंकि सारे पत्ते फड़ो से पूर्व में ही वन निगम के गोदाम में भेज दिए गए हैं इस तरह का कार्य वन क्षेत्र के और गांव में भी हो सकता है यदि पुलिस महकमा और वन विभाग इसकी जांच कराये तो कई अधिकारी व कर्मचारी और विभाग इस चोरी के धंधे में लिप्त है इसका खुलासा हो सकता है।
आज सुबह सूत्रों ने जानकारी दी की मांची थाना क्षेत्र के चरगड़ा गांव में वरसों पूर्व बने सामुदायिक भवन व वर्तमान पंचायत भवन में लाखों रुपए का चोरी का तेंदू पता रखा हुआ है यह जानकारी मिलने पर जब कुछ पत्रकार वहां पहुंचे तो वहां एक जाति विशेष के लोग इकट्ठा हो गए और पत्रकारों को वीडियो फोटो बनाने से जबरिया रोकने का प्रयास करने लगे पंचायत भवन में यू पी 65 नंबर से एक वाहन भी खड़ा था जिस पर पत्ता लादने का प्रयास किया जा रहा था आखिर यह पत्ता किसके द्वारा सामुदायिक भवन और पंचायत भवन में रखा हुआ है दोनों की निगरानी ग्राम प्रधान के अधीन होती है पंचायत भवन में तमाम कार्य संचालित होते हैं तेंदू पत्ता की तुड़ान वन निगम के ठेकेदारों द्वारा कराई जाती है वन निगम द्वारा नियुक्त कर्मचारी इसकी निगरानी करते हैं अपनी निगरानी में तेंदूपत्ता से भरी झालो की गणना भी कराई जाती है फिर उसी हिसाब से मजदूरों का भुगतान किया जाता है कहीं इस खेल में वन निगम के कर्मचारी और ठेकेदार तो संलिप्त नहीं यह सवाल भी उठाया जा रहा है इसके अलावा गांव के कुछ लोगों द्वारा भी यह कार्य किए जाने की चर्चा है सूत्रों का कहना है कि इस संपूर्ण खेल में कहीं ना कहीं गांव के कुछ प्रभावशाली लोग शामिल हैं इस पूरे गांव में एक जाति विशेष के लोग ही प्रभावी प्रधान संपन्न है लोगों का कहना है कि पुलिस विभाग मामले की निष्पक्ष जांच कराये तो इस खेल का खुलासा हो सकता है